Stock Market Fundamental Analysis
क्या होता है फंडामेंटल एनालिसिस ?आखिर क्यों कुछ शेयर सस्ते और कुछ महंगे मिलते हैं?
फंडामेंटल एनालिसिस एक तरीका है लिस्टेड शेयर्स का असली भाव पता करने का,जैसा की आप सबको पता है की जितने भी शेयर्स शेयर बाजार में है और स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते है,आप देखते होंगे की किसी शेयर का भाव 250 रुपया है,किसी का भाव 10 रुपया है और किसी का भाव 20000 रुपया है|
क्यों ऐसा होता है?
क्यों हम सब ज्यादातर 10 रुपया के शेयर को सस्ता मानते है बजाये 20000 के शेयर के ?
क्यों 20000 का शेयर 21000 का भी हो जाता है जबकि 10 रुपया का शेयर 8 रुपया का रह जाता है?
👉 हम 10 रुपया का शेयर खरदीना ज्यादा सही समझते है, क्युकी 1000 रुपया के 100 शेयर आएंगे और अगर 10 रुपया का शेयर 15 रुपया जाता है तो 5000 का लाभ देगा , वही 20000 का शेयर पहले तो 1000 का मिलेगा ही नहीं और अगर 20000 का लेते हैं तो 21000 का भी होगा तो मात्रा 1000 देगा |
यही सोच है न हम सबकी?
कभी आपने सोचा की वह 20000 का शेयर बहुत साल पहले 50 रुपया का ही था| तो क्या आपका 10 रुपया का शेयर भी कुछ सालों बाद 10000 का होगा?
यही सब प्रश्न हमारे दिमाग में रहते है पर कही से भी उसका हल हम नहीं जान पाते|
👉 इसीलिए free Stock Market Fundamental Analysis यहाँ सावधानी पूर्वक शेयर्स को कैसे सेलेक्ट करें आपको बताऊंगा,उसके बाद आप खुद शेयर का अध्ययन करें और अपने पैसे को सही जगह लगाएं|
तो चलिए शुरुआत करते है|
किसी भी शेयर का भाव भविष्य में ऊपर होगा या नीचे ये उस शेयर के व्यापर करने के तरीके और उस कंपनी के मैनेजमेंट पर महत्वपूर्ण रूप से निर्भर है|
जो भी कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड है वे सभी कंपनी हर 3 महीने में अपने व्यापर का लेखा-जोखा उसके इन्वेस्टर्स के सामने रखती हैं जिसे हम फाइनेंसियल रिजल्ट्स कहते हैं|
👉 अतः सभी कंपनी मार्च क्वार्टर,जून क्वार्टर, सितम्बर क्वार्टर और दिसंबर क्वार्टर के परिणाम नियमित रूप से अपने इन्वेस्टर्स के सामने रखती हैं,इन्ही परिणामो में वह बताती हैं के कंपनी मुनाफे में चल रही है या नुकसान में|
अब जब कंपनी नुकसान में हैं और उसका भाव 10 रुपया हो तो भी आपको उस शेयर को लेने से कोई फायदा नहीं होने वाला है जब तक वह कमपनी मुनाफे में नहीं आ जाती|
इसीलिए सभी इन्वेस्टर्स चाहे वह वारेन बफेट हो या झुनझुनवाला मात्र अपनी बिज़नेस को एनालिसिस करने की क्षमता के कारण ही मुनाफा कमाते हैं|
आशा है आप समझ गए होंगे की 10 रुपया का शेयर भी,कभी क्यों नहीं 20 रुपया का हो जाता जबकि 20000 का शेयर 21000 का हो जाता हैं|
कुल मिलाकर सारी बात मुनाफे की है,इसीलिए जब भी अपना पैसा किसी शेयर में डालें तो पहले यह जरूर देखले की शेयर मुनाफे में व्यापर कर रहा है या नुकसान में|
अब आगे चलकर ये जान लेते है की कंपनी मुनाफे में चल रही है या नुकसान में,उनके परिणामो में यह कहाँ नजर आएगा|
👉 देखिये जब भी कंपनी अपने परिणाम घोषित करती हैं तो वह 3 स्टेटमेंट्स आपके सामने रखती हैं|
१. बैलेंस शीट
२. एसेट एंड लायबिलिटीज स्टेटमेंट और ३. कैशफ्लो स्टेटमेंट
इन्ही तीनो के द्वारा हम यह जान सकते हैं की यह comapny प्रॉफिट में है या लोस में|
इन तीनो स्टेटमेंट की गहनता से स्टडी करने के बाद आपको यह मालूम चलेगा की कंपनी का भाव 20000 क्यों है या 10 क्यों है ?
अब रोचक बात यह है की सभी कंपनी एक जैसा व्यापर नहीं करती, जैसे की कोई कंपनी मोबाइल बनाती है, कोई लोन देती है ,और कोई पेट्रोल बेचती है ,ऐसे ही सभी प्रकार की कंपनी शेयर बाजार में उपलब्ध हैं|
तो जाहिर सी बात हैं की उनकी कमाई का तरीका ,माल बेचने का तरीका ,माल बेचने में मार्जिन ,और इसी तरह लाभ और हानि अलग अलग होंगे|
इसी कारण सबकी तीनो फाइनेंसियल स्टेटमेंट अलग अलग होंगी|
हम एक-एक करके सभी सेक्टर की कंपनी की तीनो स्टेटमेंट आगे स्टडी करेंगे और जानेंगे की क्यों एक ही सेक्टर की तीनो कम्पनिया अलग अलग भाव पर ट्रेड करती हैं?
इसी तरह हम सभी फाइनेंसियल स्टेटमेंट को पढने का तरीका भी सीखेंगे |अपने अगले ब्लॉग में हम उदाहरण के साथ किसी एक कंपनी का बैलेंस शीट भी स्टडी करेंगे|
किसी भी कंपनी के फाइनेंसियल को जानना एक लम्बी प्रक्रिया है इसीलिए एक-एक करके ही उनको सीखना हमारे लिए लाभप्रद होगा|
तब तक आप सस्ते के चक्कर में कोई भी शेयर खरीदने से बचें |
धन्यवाद|